पटना: रविवार को पटना की सड़कों पर एक ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने हर आंख को नम कर दिया। प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका (Gopal Khemka) की अंतिम यात्रा के दौरान, जब उनकी बेटी गरिमा पोद्दार (Garima Poddar) स्कॉटलैंड से पहुंची और पिता का चेहरा देखकर बिखर गई, तो उसकी चीखें “पापा… पापा…” हर उस शख्स के दिल में उतर गई जो वहां मौजूद था।
घर से उठी अर्थी, गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार
शुक्रवार रात गोली मारकर हत्या किए गए गोपाल खेमका की अर्थी उनके कटारूका स्थित आवास से उठी। बेटे गौरव खेमका (Gaurav Khemka) ने गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार किया। सुबह से ही उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ जुटने लगी थी। आंखें नम थीं, लेकिन लोगों का गुस्सा भी झलक रहा था।
व्यापारिक जगत में उबाल, सरकार पर दबाव
हत्या के बाद से बिहार का व्यापारिक वर्ग आक्रोशित है। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने शोक जताते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री नितिन नवीन, पूर्व BIA अध्यक्ष रामलाल खेतान, और CAT के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल नोपानी मौके पर पहुंचे।
मारवाड़ी समाज का अल्टीमेटम, गिरफ्तारी नहीं तो बंद
बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की बैठक में उपाध्यक्ष बसुदेव सर्राफ ने चेतावनी दी कि अगर सोमवार तक गिरफ्तारी नहीं हुई, तो बिहार बंद, धरना और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
कमल नोपानी ने कहा – “अगर यही नया सामान्य बनता जा रहा है, तो यह स्वीकार्य नहीं। त्वरित गिरफ्तारी जरूरी है।”
सदनंद अग्रवाल सहित कई व्यापारियों ने आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस की मांग की।
गुस्से और ग़म के बीच सवाल – आखिर सुरक्षित कौन है?
एक शोकग्रस्त व्यक्ति ने कहा – “औरतें रो रही थीं, मगर मर्दों की खामोशी में भी दर्द और गुस्सा था। कोई अपने घर के पास मारा जाए और हत्यारा बेखौफ निकल जाए – ये कैसे हो रहा है?”
गोपाल खेमका की हत्या ने न सिर्फ पटना बल्कि पूरे बिहार में व्यापारियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि सरकार इस जनदबाव के सामने कितनी संवेदनशीलता और तेजी से कार्रवाई करती है।