बिहार के नवादा जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक खौफनाक वारदात सामने आई है। लखनऊ से इलाज कराकर लौट रही महादलित युवती के साथ चार युवकों ने मिलकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। घटना मंगलवार सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच की बताई जा रही है।
पीड़िता लखनऊ में इलाज कराने के बाद सोमवार रात गयाजी में अपने रिश्तेदार के यहां रुकी थी। मंगलवार सुबह जब वह नवादा जाने के लिए बस में बैठी और सद्भावना चौक पहुंची, तो वहां से ई-रिक्शा पकड़ा। लेकिन इसी ई-रिक्शा चालक ने अपने दो साथियों को रास्ते में बैठा लिया।
तीनों ने मिलकर युवती को बहला-फुसला कर रसूलनगर स्थित एक सुनसान मकान में ले गए, जहां पहले से उनका एक और साथी मौजूद था। फिर चारों ने युवती के साथ बारी-बारी से दरिंदगी की। हवस की भूख मिटाने के बाद आरोपियों ने पीड़िता का मोबाइल भी छीन लिया और वहां से फरार हो गए।
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एसआईटी ने 18 घंटे में पकड़े आरोपी
जैसे ही घटना की जानकारी मिली, नवादा पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए एसआईटी का गठन किया। तकनीकी सर्विलांस और मानवीय इंटेलिजेंस की मदद से मात्र 18 घंटे में चारों दरिंदों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रसूल नगर निवासी मुमताज मंसूरी, सुलेमान नगर के मो. समीर, गोंदापुर के मो. अरमान और मो. साबिर के रूप में हुई है।
फॉरेंसिक और मेडिकल टीम ने की जांच
नवादा के सदर एसडीपीओ-1 हुलास कुमार ने बताया कि युवती से गैंगरेप की पुष्टि हुई है। फॉरेंसिक टीम और मेडिकल टीम ने पीड़िता की जांच कर ली है। सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
यह मामला ना सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। पीड़िता महादलित समुदाय से आती है, ऐसे में सामाजिक तौर पर भी यह अपराध बेहद निंदनीय है।
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