ऋषभ पंत ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह सिर्फ एक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि जज़्बे का दूसरा नाम हैं। England के खिलाफ Manchester Test के पहले दिन जब Jofra Archer की गेंद उनके पैर के अंगूठे पर लगी, तो हर कोई सोचने लगा कि शायद पंत अब सीरीज से बाहर हो सकते हैं। लेकिन क्रिकेट में असली खिलाड़ी वही होता है जो दर्द से ऊपर उठकर टीम के लिए लड़े—और पंत ने ठीक वही किया।
पहले दिन की चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें Retired Hurt होना पड़ा, लेकिन दूसरे दिन जब टीम को जरूरत थी, तो वह लंगड़ाते हुए मैदान पर उतरे और खेली 75 गेंदों में 54 रनों की जुझारू पारी।
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एमएस धोनी का रिकॉर्ड टूटा – एक ही टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा फिफ्टी
पंत की यह पारी केवल बहादुरी नहीं थी, बल्कि उन्होंने Mahendra Singh Dhoni का एक बड़ा रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। भारत की ओर से एक ही टेस्ट सीरीज में विकेटकीपर बल्लेबाज़ के तौर पर सबसे ज्यादा अर्धशतक बनाने वाले खिलाड़ी अब पंत बन चुके हैं।
खिलाड़ी | सीरीज | फिफ्टी की संख्या |
---|---|---|
फारुख इंजीनियर | 1972-73 बनाम इंग्लैंड | 4 |
एमएस धोनी | 2008-09 बनाम ऑस्ट्रेलिया | 4 |
एमएस धोनी | 2014 बनाम इंग्लैंड | 4 |
ऋषभ पंत | 2025 बनाम इंग्लैंड | 5 |
ध्यान देने वाली बात यह है कि अभी भी सीरीज में तीन पारियां बाकी हैं। ऐसे में पंत इस रिकॉर्ड को और ऊंचा ले जा सकते हैं।
पंत की इस सीरीज में अब तक की पारी
- पहला टेस्ट: 62 रन
- दूसरा टेस्ट: 58 रन
- तीसरा टेस्ट: 71 रन
- चौथा टेस्ट (पहली पारी): 54 रन
तीन ज़िम्मेदारियाँ, एक ही खिलाड़ी: विकेटकीपिंग, बल्लेबाज़ी और चोट का संघर्ष
इस सीरीज को खास बनाता है सिर्फ रन नहीं, बल्कि वह परिस्थिति जिसमें ये रन बनाए गए। एक विदेशी सरज़मीं, लगातार चोट, विकेटकीपिंग की थकावट और तेज गेंदबाज़ों का कहर—इन सबके बीच पंत का प्रदर्शन बताता है कि वह अब सिर्फ युवा प्रतिभा नहीं, बल्कि भारत की टेस्ट टीम का स्तंभ बन चुके हैं।
क्रिकेट के मैदान पर पंत का यह संघर्ष आने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है, और भारत के लिए गर्व का विषय।