पटना: बिहार की राजधानी पटना में स्थित प्रतिष्ठित एम्स (AIIMS Patna) एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। शिवहर से जेडीयू विधायक चेतन आनंद पर गंभीर आरोप लगने के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने अचानक हड़ताल की घोषणा कर दी है। डॉक्टरों का कहना है कि अब उनकी जान भी सुरक्षित नहीं है। हालात ऐसे बन गए हैं कि एम्स की इमरजेंसी सेवा भी प्रभावित हो सकती है।
डॉक्टरों का आरोप: हथियार लेकर घुसे विधायक, दी जान से मारने की धमकी
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) द्वारा अस्पताल प्रशासन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 30 जुलाई की रात करीब 11 बजे विधायक चेतन आनंद, उनकी पत्नी डॉ. आयुषी सिंह, और उनके हथियारबंद गार्ड ट्रॉमा सेंटर परिसर में जबरन घुस आए। यहां उन्होंने न केवल सुरक्षाकर्मियों से मारपीट की, बल्कि ड्यूटी पर मौजूद रेजिडेंट डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी भी दी।
बिजली बिल जीरो! बिहार सरकार की नई योजना में छुपा है बड़ा गणित, जानिए कैसे?
एफआईआर की मांग, सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल
डॉक्टरों का कहना है कि इतनी गंभीर घटना के बाद भी अब तक विधायक और उनके गार्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने एम्स प्रशासन पर कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर उदासीन रहने का आरोप लगाया। RDA का कहना है कि जब तक विधायक, उनकी पत्नी और गार्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, हड़ताल जारी रहेगी, और आवश्यकता पड़ने पर इमरजेंसी सेवाएं भी बंद की जा सकती हैं।
विधायक की ओर से भी दर्ज हुई शिकायत
दूसरी ओर, चेतन आनंद ने भी पटना के फुलवारी थाना में एम्स स्टाफ पर मारपीट और आधे घंटे तक बंधक बनाए रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ एक परिचित मरीज से मिलने आए थे, तभी अस्पताल कर्मियों से उनका विवाद हो गया।
एम्स प्रशासन ने फिलहाल विधायक के साथ किसी तरह की मारपीट से इनकार किया है, लेकिन विवाद के कारण अस्पताल का संचालन ठप होता जा रहा है।
पटना सर्टिफिकेट घोटाला: ‘डुप्लीकेट दीदी’ ने तीन प्रमाणपत्र बनवाए, सिस्टम पर उठे सवाल
मरीजों की बढ़ी परेशानी, सरकार की चुप्पी पर सवाल
इस विवाद का सबसे बड़ा खामियाजा उन सैकड़ों मरीजों को भुगतना पड़ रहा है जो दूर-दराज़ से इलाज के लिए पटना एम्स पहुंचे थे। सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस संवेदनशील मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, जिससे हालात और भी गंभीर होते जा रहे हैं।