पटना मेट्रो का सपना अब धीरे-धीरे हकीकत की ओर बढ़ रहा है। राजधानी पटना में मेट्रो के प्राथमिक कॉरिडोर पर ट्रायल रन की शुरुआत हो चुकी है। 15 अगस्त से मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारी तेज है, लेकिन मॉनसून की बारिश फिलहाल राह में रोड़ा बन रही है।
20 जुलाई को पुणे से लाई गई मेट्रो की रैक को डिपो में खड़ा किया गया है। यहां बैटरी से संचालित छोटे इंजन की मदद से सुबह और शाम ट्रायल रन चल रहा है। इस दौरान तकनीकी टीम यह परख रही है कि कोच में कोई खराबी तो नहीं है। अब तक किसी बड़ी तकनीकी समस्या की सूचना नहीं मिली है।
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बिजली ट्रैक पर दौड़ने से पहले जरूरी हैं ये दो काम
सूत्रों के मुताबिक, न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल मेट्रो स्टेशन को डिपो से जोड़ने वाली लाइन में कुछ काम बाकी है। साथ ही बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी अभी पूरी नहीं हो सकी है। इन दोनों कार्यों के पूरा होते ही ट्रायल कोच को इलेक्ट्रिक ट्रैक पर दौड़ाया जाएगा, जिससे मेट्रो का वास्तविक ट्रायल सफल माना जाएगा।
एक कोच में 300 यात्री, बैठने की जगह सीमित
मेट्रो के हर कोच की क्षमता लगभग 300 यात्रियों की होगी। इनमें 50 से 55 सीटें बैठने के लिए होंगी, जबकि खड़े होकर यात्रा करने की सुविधा भी रहेगी। तीन कोच वाली रैक में करीब 900 यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे।
इन स्टेशनों पर सबसे पहले दौड़ेगी मेट्रो
पटना मेट्रो के प्राथमिक कॉरिडोर में पांच स्टेशन शामिल हैं:
- न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल स्टेशन
- जीरो माइल स्टेशन
- भूतनाथ स्टेशन
- खेमनीचक स्टेशन
- मलाही पकरी स्टेशन
हालांकि, 15 अगस्त तक ट्रायल सफल रहा तो न्यू पाटलिपुत्र से भूतनाथ तक ही मेट्रो सेवा शुरू की जाएगी। इस रूट पर दौड़ने वाली मेट्रो कोच का निर्माण टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड, पुणे में किया गया है।
अब नजरें मेट्रो के ऐतिहासिक उद्घाटन पर
पटना के लोगों के लिए मेट्रो सेवा न केवल एक सुविधाजनक ट्रांसपोर्ट विकल्प होगी, बल्कि ये शहर के विकास की नई तस्वीर भी पेश करेगी। अब सबकी नजरें 15 अगस्त पर टिकी हैं — क्या इस दिन से मेट्रो दौड़ेगी या फिर इंतज़ार और लंबा होगा?