बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। आरा जिले के पीरो प्रखंड में राजस्व कर्मचारी राजा कुमार दास को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले किशनगंज और पटना में भी दो सरकारी अफसर रिश्वत लेते धरे गए थे, जिनमें एक अमीन निरंजन कुमार और पटना DEO कार्यालय के प्रधान लिपिक अशोक कुमार वर्मा शामिल हैं।
शिकायतकर्ता ने खोली भ्रष्टाचार की परतें, रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा
इस पूरे मामले का खुलासा मधुबनी निवासी महावीर उपाध्याय ने किया, जो स्वर्गीय श्रीनिवास उपाध्याय के पुत्र हैं। उन्होंने बताया कि राजस्व कर्मचारी राजा कुमार दास ने ऑनलाइन परिमार्जन और दाखिल खारिज के एवज में 48 हजार रुपये की मांग की थी। सौदा 45 हजार में तय हुआ। 5 जुलाई को रिश्वत की मांग की गई और 8 जुलाई को महावीर ने विजिलेंस अन्वेषण ब्यूरो से शिकायत की।
फिक्स था रिश्वत का शेड्यूल, कैमरे में कैद हुई पूरी डील
विजिलेंस टीम ने 9 जुलाई को मामले की रिकॉर्डिंग शुरू की। पहले 20 हजार, फिर सोमवार को दूसरे 20 हजार, और काम होने पर अंतिम 5 हजार देने की बात हुई थी। राजा कुमार दास नोनार और रजेया पंचायत का चार्ज संभाल रहे थे। शिकायत के सत्यापन के बाद पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई हुई और 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
लगातार तीसरी गिरफ्तारी, भ्रष्ट सिस्टम पर लगाम कस रही विजिलेंस
यह बिहार में कुछ ही दिनों में तीसरी बड़ी गिरफ्तारी है, जहां भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को कैमरे में रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। इससे साफ है कि निगरानी विभाग अब कोई भी ढिलाई नहीं बरत रहा और हर जिले में भ्रष्टाचारियों पर नजर रखे हुए है।