आंध्र प्रदेश में 3500 करोड़ रुपये के बड़े शराब घोटाले की जांच में पूर्व मुख्यमंत्री Jagan Mohan Reddy का नाम सामने आने से सियासी भूचाल आ गया है। पुलिस की चार्जशीट में दावा किया गया है कि घोटाले से हर महीने औसतन 50 से 60 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली जाती थी, जो अंततः Jagan Mohan Reddy तक पहुंचाई जाती थी। हालांकि चार्जशीट में उन्हें सीधे आरोपी नहीं बनाया गया है और न ही अदालत ने इस पर अभी कोई संज्ञान लिया है।
Jagan Mohan Reddy ने घोटाले को बताया ‘मनगढ़ंत’, मीडिया पर साधा निशाना
Jagan Mohan Reddy ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर इस घोटाले को पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत करार दिया। उन्होंने लिखा कि यह साजिश असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए रची गई है और इसे मीडिया के जरिए तमाशा बनाया जा रहा है।
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राजशेखर रेड्डी बना मास्टरमाइंड, Dubai-Africa में निवेश का आरोप
चार्जशीट के मुताबिक, इस घोटाले का मास्टरमाइंड केसिरेड्डी Rajasekhar Reddy है, जिसने न सिर्फ आबकारी नीति में हेरफेर किया बल्कि ऑर्डर प्रोसेसिंग को मैन्युअल करवाकर भ्रष्टाचार का रास्ता साफ किया। उसने दुबई और अफ्रीका में संपत्ति, सोना और लक्जरी सामान में अवैध धन निवेश किया। आरोप है कि पैसे की खेप Vijay Sai Reddy, Mithun Reddy और Balaji जैसे नेताओं के जरिये Jagan Mohan Reddy तक पहुंचती थी।
YSRCP के चुनाव खर्च में काले धन का इस्तेमाल?
पुलिस ने चार्जशीट में खुलासा किया कि इस घोटाले के पैसे का इस्तेमाल YSRCP पार्टी के चुनावी फंड में भी हुआ। Rajasekhar Reddy और अन्य आरोपियों ने मिलकर लगभग 250-300 करोड़ रुपये की नकदी पार्टी को चुनाव के लिए मुहैया कराई। 30 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
नई शराब नीति बनी घोटाले की जड़?
चार्जशीट में यह भी कहा गया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने जानबूझकर शराब आपूर्ति और बिक्री पर पूरी तरह नियंत्रण करने के लिए नई नीति लागू कराई थी। इसमें रिश्वत को नगद, सोने के बिस्किट और अन्य रूपों में लिया गया।