बिहार की सियासत में फिर हलचल तेज हो गई है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, Tej Pratap Yadav एक बार फिर से जनता के बीच खुद को स्थापित करने की कवायद में जुट गए हैं। RJD सुप्रीमो Lalu Prasad Yadav के बड़े बेटे तेज प्रताप ने अब सीधे लोगों की समस्याएं सुनने और उन्हें सुलझाने की जिम्मेदारी ली है।
सोशल मीडिया पर किया ऐलान
तेज प्रताप यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा:
“जनता का दरबार, जनसमस्याओं का सीधा समाधान, आपके बीच, आपकी आवाज़ बनने के लिए तत्पर, आइए साथ मिलकर रचें बिहार का नया अध्याय, सदैव आपके साथ, सदैव बिहार के साथ…”
जनता का दरबार, जनसमस्याओं का सीधा समाधान,आपके बीच, आपकी आवाज़ बनने के लिए तत्पर,
आइए साथ मिलकर रचें बिहार का नया अध्याय,सदैव आपके साथ ,सदैव बिहार के साथ..
सोमवार दिनांक 30 जून से 26 एम स्ट्रेड रोड स्थित मेरे आवास से जनता दरबार शाम 6 से 8 बजे तक होगी। #TejPratapYadav #Bihar… pic.twitter.com/3ATbWVs80x
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 26, 2025
इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि 30 जून, सोमवार से वे अपने सरकारी आवास 26, एम स्ट्रैंड रोड, पटना में ‘जनता दरबार’ लगाएंगे। यह दरबार रोजाना शाम 6 बजे से 8 बजे तक चलेगा, जहां वे जनता से सीधा संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहेंगे।
सुरक्षा को लेकर भी जताई थी चिंता
इससे पहले तेज प्रताप ने मीडिया से बातचीत में कहा था, “मैं असुरक्षित महसूस कर रहा हूं, मेरी जान को खतरा है। मेरी सुरक्षा बढ़ाई जाए।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “हमारा स्टैंड क्लियर है, हम अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटेंगे।” इस दौरान उन्होंने अपने पिता Lalu Yadav के लिए शुभकामनाएं भी व्यक्त की थीं।
जनसंपर्क बढ़ाने की रणनीति
राजनीतिक जानकारों की मानें तो तेज प्रताप यादव की यह पहल आगामी चुनावों से पहले जनता के बीच खुद की मज़बूत छवि बनाने का हिस्सा है। वह सीधे आम लोगों से मिलकर न सिर्फ उनकी समस्याएं जानना चाहते हैं, बल्कि खुद को जमीन से जुड़ा नेता साबित करने का प्रयास भी कर रहे हैं।
युवा वोटरों पर नजर
RJD की यह रणनीति खास तौर पर युवा वोटरों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। तेज प्रताप यादव सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते हैं, और उनकी इस नई पहल को युवा मतदाताओं के बीच अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की संभावना है। पार्टी ने कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिए हैं कि वे जनता दरबार में सक्रिय भूमिका निभाएं और स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाएं।
अब क्या होगा असर?
अब देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप यादव की यह ‘जनता दरबार’ पहल बिहार की राजनीति में क्या बदलाव लाती है। क्या वे लोगों की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे? क्या वे अपने पिता की तरह जननेता की छवि बना पाएंगे? यह आने वाला वक्त बताएगा।