बिहार सिपाही भर्ती घोटाले का भंडाफोड़! 7 लाख में सेटिंग, मास्टरमाइंड समेत 15 गिरफ्तार

बायोमेट्रिक में सेंध, हर केंद्र पर चालू था फर्जीवाड़ा का खेल, पुलिस ने रची साजिश का पर्दाफाश

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Bihar Police Recruitment Scam 2025 Busted
Bihar Police Recruitment Scam 2025 Busted (Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा 2025 में भी फर्जीवाड़े का जिन्न बाहर आ गया है। शेखपुरा पुलिस ने एक ऐसे बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है जो परीक्षा में बायोमेट्रिक सत्यापन से लेकर लिखित परीक्षा तक में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए सेटिंग कर रहा था। इस कार्रवाई में नवादा के मास्टरमाइंड Gorelal Yadav समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

20 जुलाई को आयोजित हुई परीक्षा में गिरोह ने फर्जी बायोमेट्रिक ऑपरेटरों को परीक्षा केंद्रों पर तैनात करवाया। गुप्त सूचना पर शेखपुरा के SP Baliram Kumar Chaudhary ने ऑपरेशन चलाया, जिसमें Chintu Kumar और Sikandar Kumar को इस्लामिया उच्च विद्यालय से पकड़ा गया। दोनों के पास फर्जी ID कार्ड पाए गए। पूछताछ में मास्टरमाइंड गोरेलाल यादव का नाम सामने आया, जिसे नवादा से गिरफ्तार कर लिया गया।

जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह में 18 लोग शामिल थे। नवादा के 4, शेखपुरा के 7, भोजपुर के 2, गया का 1 अभ्यर्थी और दो महिला परीक्षार्थी इसमें सम्मिलित थीं। पुलिस ने अब तक 13 आरोपियों और 2 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी की तलाश में छापेमारी जारी है।

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7 लाख में लिखित परीक्षा पास कराने की डील

गिरोह ने हर परीक्षार्थी से 7 लाख रुपये तक वसूले। बायोमेट्रिक में फर्जी ऑपरेटर सेट कर, फिर लिखित परीक्षा में सॉल्वर बैठाने की साजिश रची गई थी। पटना पुलिस ने भी इस मामले में एक अन्य गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है, जो इसी तरह की सेटिंग में जुटे थे।

2023 में भी पेपर लीक से परीक्षा रद्द

बिहार में यह पहला मामला नहीं है। 2023 में पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। तब 74 FIR दर्ज हुईं और 150 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए थे। 2022 में गया में 36 अभ्यर्थी Bluetooth डिवाइस के साथ पकड़े गए थे।

इस बार CCTV निगरानी, लाइव स्ट्रीमिंग और बायोमेट्रिक के बावजूद सॉल्वर गैंग ने सिस्टम में सेंध लगाई। यह भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। पुलिस ने IPC की धारा 420, 467, 468, 469 और बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही Hyderabad की Signasor कंपनी के बायोमेट्रिक सिस्टम की भी जांच की जा रही है।

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