बेगूसराय:
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एक बार फिर अपने तीखे और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने धार्मिक मंच से ऐसी बात कह दी है जो सियासत में तूफान ला सकती है। बेगूसराय में एक जनसभा के दौरान गिरिराज सिंह ने साधु-संतों से ‘ओम शांति’ की जगह ‘ओम क्रांति’ का नारा देने की अपील की और इसे धर्म की रक्षा का समय बताया।
“अब केवल शांति नहीं, क्रांति की जरूरत”
गिरिराज सिंह ने कहा कि अब वो समय नहीं रहा जब सिर्फ शांति की बातें की जाएं। उन्होंने साधु-संतों से आग्रह किया कि समाज को सही दिशा देने के लिए वे आगे आएं और ‘ओम क्रांति’ का उद्घोष करें। उन्होंने भगवान राम, महादेव और श्रीकृष्ण के उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे उन्होंने अधर्म का विनाश किया, वैसे ही अब समाज को भी धार्मिक मूल्यों की ओर लौटना चाहिए।
पीएम मोदी को बताया ‘अधर्म का विनाशक’
अपने भाषण में गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री Narendra Modi की तुलना धर्म के रक्षक से की। उन्होंने कहा, “हमारी बहनों के सिंदूर की रक्षा करने वाले नरेंद्र मोदी हैं। जिन्होंने सिंदूर मिटाने की कोशिश की थी, उन्हें 22 मिनट में नष्ट कर दिया गया।” गिरिराज ने यह भी जोड़ा कि जो लोग अधर्म का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें भगवान राम और कृष्ण की तरह खत्म करना ज़रूरी है।
बयान से उपजा विवाद, विपक्ष हमलावर
गिरिराज सिंह के इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे धार्मिक उकसावे वाला और संविधान विरोधी करार देते हुए चुनावी ध्रुवीकरण की चाल बताया। बयान ऐसे वक्त पर आया है जब बिहार में जातीय जनगणना, मतदाता सूची पुनरीक्षण और धार्मिक ध्रुवीकरण जैसे मुद्दे पहले से ही गर्म हैं।
गिरिराज सिंह के पुराने विवादित बयान
यह पहला मौका नहीं है जब गिरिराज सिंह अपने बयानों को लेकर विवाद में आए हों। इससे पहले भी वे राम मंदिर निर्माण, जनसंख्या नियंत्रण, और “पाकिस्तान चले जाओ” जैसे बयानों को लेकर आलोचना झेल चुके हैं। उनके समर्थक उन्हें राष्ट्र और धर्म का रक्षक बताते हैं, जबकि विरोधी उन्हें ध्रुवीकरण की राजनीति का चेहरा कहते हैं।