अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का बैठक में सबसे ज्यादा जिस देश का नाम गूंजा, वह था भारत। वार्ता से पहले ही पुतिन ने साफ कहा कि वैश्विक मुद्दों को सुलझाने में भारत की अहम भूमिका रही है। वहीं, ट्रंप ने भी बैठक से पहले Fox News से बातचीत में स्वीकार किया कि रूस ने अपना बड़ा क्लाइंट—भारत—खो दिया है।
ट्रंप-पुतिन मुलाकात रही बेनतीजा
करीब तीन घंटे चली यह बैठक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची। हालांकि, ट्रंप ने इसे प्रोडक्टिव बताया। उन्होंने माना कि अब तक यूक्रेन संकट पर कोई समझौता नहीं हो पाया है।
भारत का तेल और रूस का नुकसान
ट्रंप ने साफ किया कि रूस को भारत के रूप में बड़ा झटका लगा है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत पहले रूस से लगभग 40% तेल खरीदता था। इस पर ट्रंप का बयान था—“अगर मैं चीन पर सेकंड्री टैरिफ लगाऊं, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।”
भारत पर बढ़ेगा दबाव
हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि भारत को रूस से तेल खरीदने की कीमत चुकानी होगी। इसी कारण उन्होंने भारत पर 50% आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया। इनमें से आधे शुल्क लागू हो चुके हैं और शेष 27 अगस्त से