पटना का श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र (Sri Krishna Science Centre) इन दिनों भारत की अंतरिक्ष यात्रा का गवाह बना हुआ है। नेशनल स्पेस डे (National Space Day) के मौके पर शनिवार को यहां “Space Heritage in India” प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. अरुण कुमार, अध्यक्ष – साइंस फॉर सोसाइटी, बिहार ने किया। इस प्रदर्शनी में 36 पैनलों के जरिए भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को दिखाया गया है।
आर्यभट्ट से आधुनिक अंतरिक्ष मिशनों तक
यह प्रदर्शनी भारत के खगोल विज्ञान के गौरवशाली इतिहास को दर्शाती है – पाँचवीं सदी के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट से लेकर इसरो (ISRO) की आधुनिक सफलताओं तक।
विशेष आकर्षण है चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का मॉडल, जिसने भारत को चाँद पर सफलतापूर्वक उतरने वाले देशों की सूची में शामिल किया। इसके अलावा “The Modern Era of Space Science,” “Missions That Changed History” और “India and the Future of Space” जैसे थीम वाले गैलरी भी बनाई गई हैं।
बच्चों में बढ़ा अंतरिक्ष के प्रति उत्साह
कक्षा 7 के छात्र शिवम कुमार ने प्रदर्शनी देखने के बाद कहा –
“मैंने यहां आदित्य L-1, चंद्रयान और अन्य मिशनों के बारे में जाना। अब मेरा सपना है कि मैं इंजीनियर बनकर देश की सेवा करूं।”
प्रदर्शनी में पोस्टर, म्यूरल्स और मॉडल्स के जरिए जटिल अंतरिक्ष विज्ञान को सरल तरीके से समझाया गया है ताकि छात्र और आम लोग दोनों आसानी से सीख सकें।
देशभर में मनाया जा रहा स्पेस हेरिटेज
पटना के अलावा, मुंबई, कोलकाता और गुवाहाटी जैसे शहरों के रीजनल साइंस सेंटर्स में भी इसी तरह की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य है – भारत की अंतरिक्ष तकनीक और तारों से जुड़ी सदियों पुरानी परंपरा को एक साथ सामने लाना।