अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का भारत-रूस दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ा है। रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने बुधवार को स्पष्ट किया कि भारत को तेल और ऊर्जा की आपूर्ति लगातार जारी रहेगी। साथ ही भविष्य में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) निर्यात की भी संभावनाओं पर काम किया जा रहा है।
यह बयान भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र के दौरान दिया गया। इस बैठक की सह-अध्यक्षता मंटुरोव और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की। जयशंकर इन दिनों मॉस्को की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।
ऊर्जा और परमाणु सहयोग पर बड़ा फोकस
मंटुरोव ने कहा कि रूस भारत को कच्चा तेल, तेल उत्पाद, तापीय ईंधन और कोयले का निर्यात जारी रखे हुए है। साथ ही कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना के अनुभव के आधार पर परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में नए सहयोगी पहलुओं पर भी काम किया जा रहा है।
व्यापार अब राष्ट्रीय मुद्राओं में
उन्होंने यह भी बताया कि अब भारत-रूस के बीच 90% से अधिक व्यापार राष्ट्रीय मुद्राओं में हो रहा है। यह कदम दोनों देशों के लिए पारदर्शी और निर्बाध व्यापार को सुनिश्चित कर रहा है।
बैठक के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा—
“हमने व्यापार, ऊर्जा, उद्योग, कृषि, कौशल विकास, शिक्षा और संस्कृति सहित कई अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की। यह बैठक आगामी भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी में महत्वपूर्ण रही।”
बैठक के अंत में जयशंकर और मंटुरोव ने IRIGC-TEC सत्रों के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। विस्तृत विवरण दोनों सरकारें जल्द साझा करेंगी।