पटना: बिहार की राजनीति में हलचल उस वक्त और तेज हो गई जब पूर्व मंत्री एवं राजद नेता बीमा भारती को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के सवालों का सामना करना पड़ा। फरवरी 2024 में नीतीश सरकार के विश्वास मत के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप के मामले में उनसे करीब चार घंटे तक पूछताछ हुई।
ईओयू ने पूछा- अविश्वास प्रस्ताव के दिन कहां थीं?
बीमा भारती ने जवाब दिया कि वे पश्चिम बंगाल में माता के दर्शन करने गई थीं। लेकिन जब EOU ने झारखंड में उनकी उपस्थिति के सबूत दिखाए तो वह स्पष्ट रूप से असहज हो गईं। कुछ सवालों के उन्होंने जवाब दिए, लेकिन कई सवालों को टाल गईं।
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पत्रकारों से बोलीं: “मैं गलत नहीं, मुझे फंसाया गया”
पूछताछ के बाद बाहर निकली बीमा भारती ने पत्रकारों से कहा—
“मैंने हर सवाल का जवाब दिया है। यह सब साजिश के तहत किया गया है। मैं निर्दोष हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि पहली नोटिस की जानकारी उन्हें नहीं मिल सकी थी, इसलिए वह दूसरी नोटिस पर उपस्थित हुईं। ईओयू ने वैशाली के ई सुनील से भी पूछताछ की है।
जदयू विधायक डॉ. संजीव समेत तीन को नोटिस
ईओयू ने परबत्ता के जदयू विधायक डॉ. संजीव, नरकटियागंज के फजले हक अंसारी, और मनेर के मोनू कुमार को भी नोटिस जारी किया है। अगस्त के पहले हफ्ते में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया गया है।
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मामला कहां से शुरू हुआ था?
यह पूरा मामला हरलाखी के जदयू विधायक सुधांशु शेखर के बयान के आधार पर दर्ज हुआ था। पटना के कोतवाली थाने में फरवरी 2024 में दर्ज इस केस को बाद में EOU को सौंप दिया गया।
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EOU की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। बीमा भारती और अन्य विधायकों के बयानों से यह तय होगा कि विधानसभा विश्वास मत के दौरान किस स्तर तक खरीद-फरोख्त की कोशिशें हुईं। राजनीति गरम है, और आने वाले दिनों में और भी कई नाम सामने आ सकते हैं।