अगर आप Patna में रहते हैं और रोज़मर्रा के सफर के लिए Auto या E-Rickshaw पर निर्भर रहते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। आज और कल, यानि 8 और 9 जुलाई को राजधानी की सड़कों पर 20 हजार से अधिक ऑटो और ई-रिक्शा चालक हड़ताल पर हैं। सुबह से ही बस स्टॉप और प्रमुख चौकों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई, लेकिन परिवहन के साधनों की अनुपलब्धता ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
क्यों हो रही है हड़ताल, क्या हैं ड्राइवरों की मांगें?
Auto aur E-Rickshaw Sanyukt Sangharsh Morcha के नेतृत्व में की जा रही इस हड़ताल की जड़ में है पटना की नई ट्रैफिक व्यवस्था, जिसे चालकों ने ‘जनविरोधी’ करार दिया है। मोर्चा के पदाधिकारी पप्पू यादव ने साफ कहा है, “जब तक इस नई व्यवस्था को रद्द नहीं किया जाता, हमारा विरोध जारी रहेगा।”
उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- ट्रैफिक की नई पॉलिसी को वापस लिया जाए
- शहर के अंदर ड्राइविंग टेस्ट और फिटनेस सेंटर खोले जाएँ
- प्राइवेट एजेंसियों की बजाय सरकारी प्रक्रिया से लाइसेंस दिया जाए
- E-Rickshaw चालकों के लिए उचित Charging Stations बनाए जाएँ
- App-Based Services जैसे Ola, Uber पर भी समान नियम लागू हों
ट्रैफिक सिस्टम पर उठे सवाल, लोग हुए परेशान
इस हड़ताल ने Patna Traffic System की पोल खोल दी है। ऑफिस, स्कूल और अस्पताल जाने वाले लोग खासा परेशान दिखे। हड़ताल के पहले दिन ही राजीव नगर, कंकड़बाग, बोरिंग रोड और फ्रेजर रोड जैसे इलाकों में लंबा इंतजार करते लोग दिखाई दिए। वहीं, बसों और निजी वाहनों में अचानक से बढ़ी भीड़ ने हालात को और बिगाड़ दिया।
प्रशासन की चुप्पी, प्रदर्शन की चेतावनी
संघर्ष मोर्चा ने साफ किया है कि यदि सरकार ने जल्दी समाधान नहीं निकाला, तो ये विरोध आगे भी जारी रह सकता है। प्रदर्शनकारियों ने Transport Department और Traffic Police के खिलाफ धरना देने की योजना भी बनाई है। यह हड़ताल सिर्फ एक चेतावनी है – ऐसा ड्राइवरों का कहना है।