पटना: बिहार के चर्चित उद्योगपति Gopal Khemka की हत्या के बाद एक के बाद एक पुलिसिया एक्शन ने राज्य की सियासत और अपराध जगत को हिला कर रख दिया है। इस हत्याकांड में अब पुलिस एनकाउंटर ने नया मोड़ ले लिया है। मंगलवार सुबह पुलिस ने हत्या से जुड़े आरोपी और हथियार तस्कर विकास उर्फ राजा को एनकाउंटर में ढेर कर दिया, लेकिन अब मृतक के परिजन इसे पुलिस की ‘साजिश’ बता रहे हैं।
परिजनों का आरोप: सादे लिबास में आए लोग और मार दिया
मृतक विकास के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने ‘एनकाउंटर’ के नाम पर हत्या की है। विकास की माँ ने मीडिया से कहा कि उनका बेटा चिमनी पर बैठा था तभी 6-7 लोग सादे लिबास में आए और गोली मार दी। उन्होंने दावा किया कि विकास के खिलाफ कुछ पुराने केस तो थे, लेकिन इस हत्याकांड से उसका कोई लेना-देना नहीं था। गुस्से में परिजनों ने मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों से भी दुर्व्यवहार किया और कवरिंग करने से रोक दिया।
एनकाउंटर की कहानी: फायरिंग के जवाब में चली गोली
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार शूटर Umesh Yadav की निशानदेही पर टीम Pir Damariya, पटना सिटी पहुंची थी, जहां विकास ने पुलिस पर गोली चला दी। जवाबी फायरिंग में विकास मारा गया। पुलिस का दावा है कि गोपाल खेमका की हत्या में इस्तेमाल हथियार विकास ने ही उमेश को दिया था। विकास पर पहले से कई छोटे-बड़े आपराधिक मामले दर्ज थे।
पहले ही पकड़ा जा चुका है मास्टरमाइंड शूटर
इससे पहले सोमवार को पुलिस ने इस केस में शूटर उमेश यादव को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिखा चेहरा उमेश से मेल खाता है। पूछताछ में उमेश ने खुलासा किया कि उसे हत्या की सुपारी Ashok Shah ने दी थी। पुलिस अब इस हत्याकांड में और भी गहरे राज़ खोलने का दावा कर रही है।
हत्याकांड से एनकाउंटर तक: क्या सामने आएगा सच?
पटना पुलिस भले ही इस पूरे ऑपरेशन को एक बड़ी कामयाबी बता रही हो, लेकिन विकास उर्फ राजा के एनकाउंटर पर उठे सवाल अब कानून व्यवस्था पर गंभीर बहस छेड़ते हैं। क्या पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की या सच्चाई कुछ और है? इस पर पूरे बिहार की निगाहें टिकी हैं।