बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। इस बार निशाने पर हैं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव की पत्नी की वोटर पहचान को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि तेजस्वी की पत्नी वोटर कैसे बनीं? क्या उन्होंने नागरिकता प्रमाण पत्र दिखाया या सिर्फ आधार के आधार पर उनका नाम जोड़ा गया?
तेजस्वी यादव की पत्नी रेचल गोडिन्हो जिन्होंने शादी के बाद नाम बदलकर राजश्री यादव रखा, अब विवादों के घेरे में हैं। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि “अगर वो क्रिश्चन थीं तो नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी? क्रिश्चन होना गुनाह नहीं है। फिर ये डर किस बात का?” उन्होंने इस बात की जांच की मांग की है कि क्या उन्होंने वोटर आईडी नागरिकता प्रमाण के बिना बनवा ली।
बता दें, तेजस्वी यादव ने 9 दिसंबर 2021 को रेचल गोडिन्हो से शादी की थी। रेचल एक क्रिश्चन परिवार से आती हैं और दिल्ली में पली-बढ़ी हैं। शादी के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर राजश्री यादव रख लिया था। अब गिरिराज सिंह ने इस नाम परिवर्तन और वोटर पहचान पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को दोबारा मतदाता पहचान पत्र बनवाना पड़ सकता है, क्योंकि आधार अब वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके बाद यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले चुका है।
गिरिराज सिंह ने यह भी दावा किया कि बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के बहाने राजनीतिक साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि “घुसपैठियों को नागरिक बनाना एक षड्यंत्र है, जिसमें कुछ राजनीतिक दल शामिल हैं।”
इसी बीच कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड पर भी गिरिराज सिंह ने बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि “यह सब नीतीश कुमार को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश है।” उन्होंने कहा कि अपराध की घटनाओं को बढ़ावा देकर कुछ राजनीतिक गैंग सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने लालू यादव के शासनकाल को याद करते हुए कहा कि “बिहार में एक बार फिर उसी तरह की साजिशें देखी जा रही हैं, जहां अपराध और राजनीति का गठजोड़ हो गया है।”