आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपने विवादित बयान से एक बार फिर सुर्खियां बटोरीं। हाल ही में उन्होंने दावा किया था कि उनके राजनीतिक जीवन को खत्म करने के लिए पाँच ‘जयचंद’ परिवारों ने साज़िश की है। लेकिन जब मीडिया ने उनसे इन परिवारों के नाम उजागर करने को कहा तो तेज प्रताप ने साफ कहा— “इन सब बातों को छोड़िए, हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते।”
सोशल मीडिया पर किया था बड़ा दावा
गुरुवार रात करीब 10:30 बजे तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट लिखते हुए कहा था कि वे शुक्रवार को पाँच ‘जयचंद’ परिवारों का चेहरा और चरित्र जनता के सामने लाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि ये परिवार मिलकर उनकी राजनीति खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शुक्रवार आते-आते तेज प्रताप अपने बयान से पलटते नज़र आए।
सवाल: क्यों बदला मन?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि तेज प्रताप के अचानक पीछे हटने के पीछे कोई बड़ी रणनीति या दबाव है। समर्थक उम्मीद कर रहे थे कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा करेंगे, लेकिन अब यह मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।
पारिवारिक विवाद और राजनीति
तेज प्रताप हाल ही में अपने व्यक्तिगत जीवन को लेकर भी विवादों में रहे हैं। अनुष्का यादव के साथ उनके रिलेशनशिप की तस्वीरें वायरल होने के बाद आरजेडी नेतृत्व ने उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। परिवार से भी दूरी बना ली गई। इस दौरान तेज प्रताप ने अनुष्का के भाई आकाश यादव को भी ‘जयचंद’ करार दिया था।
चुनावी तैयारी में व्यस्त तेज प्रताप
फिलहाल तेज प्रताप अपनी नई राजनीतिक टीम “टीम तेज प्रताप” के साथ आगामी बिहार चुनाव 2025 की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने वैशाली की महुआ सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं, उन्होंने तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को पूरी तरह फ्लॉप बताया है।