Bihar Sipahi Bharti 2025 की परीक्षा एक बार फिर विवादों में घिर गई है। 20 जुलाई को बिहार के 38 जिलों में आयोजित लिखित परीक्षा के दौरान नकल, पेपर लीक और फर्जीवाड़े के 7 मामले सामने आए हैं। जांच में 17 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए, जिनमें से 7 को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि 6 FIR दर्ज की गई हैं। इस कार्रवाई के बाद राज्यभर में हड़कंप मच गया है।
नालंदा में सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश
नालंदा जिले में 1 FIR में 3 अभ्युक्त चिह्नित किए गए हैं, जिनमें 2 गिरफ्तार हो चुके हैं। यहां सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है जो पैसे लेकर असली परीक्षार्थी की जगह एग्जाम देने पहुंचे थे।
सिवान में बायोमेट्रिक में खुली फर्जीवाड़े की पोल
सिवान जिले में 2 FIR दर्ज हुईं। बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान 5 अभ्यर्थियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिनमें से 2 को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पूर्णिया में दिनदहाड़े तेजाब कांड! बाजार में मची चीख-पुकार, बुजुर्ग की आंखें गईं, कई घायल
बक्सर, अररिया, बांका और दरभंगा में भी कार्रवाई
बक्सर में 1 FIR में 2 अभ्युक्त, अररिया में 2 अभ्युक्त में से 1 गिरफ्तार किया गया। बांका में भी 1 FIR दर्ज कर 2 में से 1 आरोपी को पकड़ा गया है। दरभंगा में भी मामला दर्ज कर जांच तेज कर दी गई है।
खगड़िया में पेपर लीक का खुलासा
16 जुलाई को खगड़िया में पेपर लीक की बड़ी साजिश पकड़ी गई थी। Economic Offences Unit (EOU) ने व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए लीक की कोशिश का पर्दाफाश करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया। यह मामला साल 2023 के Bihar Sipahi Bharti पेपर लीक जैसा ही है, जब परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी।
कड़ी निगरानी के बावजूद नहीं रुकी गड़बड़ियां
CSBC और EOU ने परीक्षा में पारदर्शिता के लिए कड़े इंतजाम किए थे। करीब 2.79 लाख अभ्यर्थियों में से 2.51 लाख ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किया और 80% उपस्थिति रही। बायोमेट्रिक सत्यापन, CCTV निगरानी, वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की व्यवस्था थी। इसके बावजूद संगठित गिरोहों ने गड़बड़ी करने की कोशिश की।
2023 में भी पेपर लीक से मचा था बवाल
बिहार में परीक्षा में कदाचार का इतिहास पुराना है। 2023 में पेपर लीक के कारण 21,391 पदों की परीक्षा रद्द हो गई थी, तब EOU ने 74 FIR दर्ज की थीं और 150 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई थी। 2022 में भी 36 अभ्यर्थी Bluetooth डिवाइस के साथ पकड़े गए थे।
सख्त कानून और भविष्य में और सख्ती का ऐलान
CSBC और EOU ने सभी 7 मामलों में IPC की धारा 420, 467, 468, 469 और बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। नालंदा और सिवान में सॉल्वर गैंग के खिलाफ विशेष जांच शुरू हो गई है। CSBC ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। भविष्य में निगरानी और कड़ी की जाएगी ताकि कोई भी कदाचार न कर सके।