बॉडी वॉर्न कैमरों से होगी निगरानी, लाइव रिकॉर्डिंग से बढ़ेगी पारदर्शिता
बिहार के ट्रैफिक सिस्टम में अब एक बड़ा और तकनीकी बदलाव होने जा रहा है। अब अगर आप ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, तो माफी नहीं मिलेगी, क्योंकि चालान सीधे कैमरे की नजर से कटेगा। राज्य सरकार ने ट्रैफिक पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस करने का फैसला लिया है, जिससे चालान की प्रक्रिया और भी सटीक और पारदर्शी बन सके।
7000 से ज्यादा कैमरों की खरीदी, 3.5 करोड़ रुपये खर्च
ट्रैफिक और रेलवे पुलिस को दिए जाएंगे कैमरे
पुलिस मुख्यालय की ओर से 7000 से ज्यादा बॉडी वॉर्न कैमरे खरीदे जा चुके हैं, जिन्हें ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात कर्मियों और रेलवे पुलिस को सौंपा जाएगा। इसके लिए कुल ₹3.5 करोड़ रुपये की लागत आंकी गई है। इन कैमरों की मदद से हर गतिविधि की लाइव रिकॉर्डिंग होगी और किसी भी उल्लंघन पर तुरंत ई-चालान (e-Challan) जनरेट किया जाएगा।
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कैमरे से जुड़ा रहेगा लाइसेंस प्लेट पहचान सिस्टम
अब बहाना नहीं चलेगा, सब कुछ कैमरे में कैद होगा
इन बॉडी कैमरों को लाइसेंस प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है, जिससे वाहन की जानकारी तुरंत मिल सके। ओवरस्पीडिंग, रेड लाइट क्रॉसिंग, बिना हेलमेट ड्राइविंग जैसे मामलों में अब तुरंत चालान जारी किया जाएगा। पुलिसकर्मी को ड्यूटी के दौरान कैमरा हर समय चालू रखना अनिवार्य होगा। कैमरा बंद पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मी पर विभागीय कार्रवाई तय है।
वरिष्ठ अधिकारी करेंगे लाइव मॉनिटरिंग
शिकायत पर वीडियो फुटेज होगी प्रमाण
हर कैमरे का लाइव फुटेज एक विशेष डैशबोर्ड से जोड़ा जाएगा, जहां से वरिष्ठ अधिकारी रियल टाइम निगरानी कर सकेंगे। यदि किसी नागरिक को ट्रैफिक पुलिस के व्यवहार पर संदेह हो तो उस स्थिति में वीडियो फुटेज की जांच की जाएगी, जिससे न केवल जनता को न्याय मिलेगा बल्कि पुलिस की जवाबदेही भी तय होगी।
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नागरिकों को सलाह: नियमों का पालन करें
60 दिनों में चालान भुगतान अनिवार्य
बिहार सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें, जैसे कि हेलमेट पहनना, सीटबेल्ट लगाना, शराब पीकर ड्राइविंग न करना और वाहन के दस्तावेज पूरे रखना।
यदि ई-चालान कटता है तो उसकी स्थिति की जांच और भुगतान के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट state.bihar.gov.in या echallan.parivahan.gov.in का उपयोग करें। चालान का भुगतान 60 दिनों में न करने पर कोर्ट समन जारी हो सकता है। किसी भी गलत चालान की शिकायत नजदीकी थाने या संबंधित विभाग में दर्ज कराई जा सकती है।