बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू (JDU) के प्रचार को धार देने के लिए एक हाईटेक चुनावी रथ तैयार करवाया है। इस रथ का नाम ‘निश्चय रथ’ रखा गया है और इसे विशेष रूप से हरियाणा से बनवाकर मंगवाया गया है।
इस अत्याधुनिक प्रचार वाहन में तकनीक और सुविधाओं का जबरदस्त मेल देखने को मिलता है, जो जनता को नीतीश सरकार की “सात निश्चय योजना” की याद दिलाएगा।
जानें ‘निश्चय रथ’ की खासियत: आराम से लेकर प्रचार तक सबकुछ हाईटेक
‘निश्चय रथ’ को एक चलती-फिरती प्रचार गाड़ी के रूप में डिजाइन किया गया है, जो किसी वैनिटी वैन से कम नहीं है। इसमें लगे हैं एडजस्टेबल लग्जरी सीट्स, एसी और हीटर जैसी सुविधाएं। लंबी यात्रा के दौरान थकान न हो, इसका खास ध्यान रखा गया है।
इसमें एक हाइड्रोलिक सिस्टम लगा है, जिससे छत पर आसानी से जाया जा सकता है। छत को चारों ओर से रेलिंग से घेरा गया है और वहां फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं, जिससे रात में भी प्रचार संभव हो सके। रथ में प्राइवेसी का भी विशेष ध्यान रखा गया है, जो इसे खास बनाता है।
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‘सात निश्चय योजना’ का संदेश लेकर जनता के बीच निकलेगा रथ
रथ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ उनका स्लोगन — “बहन-बेटियों के सपने साकार, धन्यवाद नीतीश कुमार” — प्रमुखता से लिखा गया है। साथ ही जदयू का चुनाव चिह्न भी अंकित है। हालांकि, रथ पर एनडीए सहयोगी भाजपा (BJP) को जगह नहीं दी गई है, जो सियासी गलियारों में चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
इस रथ के जरिए नीतीश कुमार सात निश्चय योजना के विभिन्न आयामों जैसे हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर बिजली, गली-नाली पक्कीकरण, युवाओं को बल, महिलाओं को सशक्तिकरण और शहरी विकास को प्रमोट करेंगे।
सिर्फ सीएम करेंगे इस्तेमाल, रोड शो में दिखेगा दम
सूत्रों के अनुसार, ‘निश्चय रथ’ का उपयोग केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ही किया जाएगा। चुनाव प्रचार के दौरान यह रथ बिहार की विभिन्न विधानसभाओं में घूमेगा और रोड शो में भाग लेगा।
इसका मुख्य उद्देश्य जनता को सरकार की नीतियों और उपलब्धियों से अवगत कराना है, खासकर युवा और महिला मतदाताओं को प्रभावित करना।
पहले भी चर्चा में रहे हैं चुनावी रथ
गौरतलब है कि इससे पहले वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का रथ भी चर्चा में रहा था, जिसकी कीमत 3 से 4 करोड़ रुपये बताई गई थी। सहनी ने इस रथ से निषाद आरक्षण यात्रा निकाली थी।
अब नीतीश कुमार का ‘निश्चय रथ’ कितना प्रभावी होगा, ये तो आने वाला चुनाव ही बताएगा।