TRE-4 से पहले STET जरूरी: पटना में गुरुवार को हज़ारों छात्र-छात्राएं STET परीक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि STET परीक्षा के बिना TRE-4 परीक्षा का आयोजन केवल एक छलावा है।
भिखना पहाड़ी से मुख्यमंत्री आवास तक मार्च:
प्रदर्शन की शुरुआत भिखना पहाड़ी से हुई, जहां छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर मार्च निकाला। उनकी योजना थी गांधी मैदान होते हुए डाक बंगला चौराहा और फिर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने की।
पुलिस ने कसी सुरक्षा की कमर:
भीड़ को देखते हुए पटना पुलिस ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए। कई जगहों पर ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बन गई। पुलिस बल सतर्क नजर आया, लेकिन छात्र शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रखते नजर आए।
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“हमें नौकरी नहीं, पात्रता चाहिए”: छात्रों की मुखर आवाज़
“डोमिसाइल मिल गया तो STET क्यों नहीं?”
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था, “जब सरकार ने डोमिसाइल दे दिया है तो STET परीक्षा कराने में क्या परेशानी है? हम नौकरी नहीं मांग रहे, सिर्फ पात्रता का हक मांग रहे हैं।”
तख्तियों पर लिखा: “STET नहीं तो वोट नहीं”
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने तिरंगे के साथ नारे लगाए और तख्तियों पर लिखा – “STET नहीं तो वोट नहीं”। हर गुजरने वाले रास्ते पर भीड़ उमड़ती रही, जिससे पटना की कई मुख्य सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ।
छात्राओं की भी बढ़-चढ़कर भागीदारी
इस आंदोलन में छात्राओं ने भी पूरी मजबूती से भाग लिया। उनका कहना था कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता ज़रूरी है और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
छात्रों का साफ कहना है कि जब लाखों युवा सड़क पर हैं और सरकार को यह भी दिखाई नहीं देता, तो यह लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन और उग्र होगा।