क्या नीतीश कुमार ने बेटे निशांत को सौंप दी JDU की कमान? उपेंद्र कुशवाहा की खुली चिट्ठी ने मचाया सियासी भूचाल

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा दावा, कहा- नीतीश सरकार चलाएं, पार्टी निशांत संभालें, वरना जेडीयू को होगा भारी नुकसान

Rohit Mehta Journalist
Upendra Kushwaha Advice Nitish Kumar Nishant Jdu Leadership
Upendra Kushwaha Advice Nitish Kumar Nishant Jdu Leadership (Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। NDA सहयोगी और RLSP चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar को सार्वजनिक मंच से एक चिट्ठी के जरिए बड़ा मशविरा दे डाला। कुशवाहा ने Nitish Kumar से कहा कि वो अपनी पार्टी JDU (Janata Dal United) की कमान अब बेटे Nishant Kumar को सौंप दें और खुद सरकार पर फोकस करें।

Nishant Kumar के जन्मदिन पर मिली राजनीतिक जिम्मेदारी की सलाह

नीतीश कुमार के बेटे Nishant Kumar के जन्मदिन पर कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर यह सलाह दी। कुशवाहा ने लिखा कि सरकार चलाने का अनुभव नीतीश कुमार के पास भरपूर है, पर अब पार्टी को मजबूत करने के लिए नई पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपना जरूरी है।

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‘JDU को नुकसान से बचाएं, समय रहते करें फैसला’

कुशवाहा ने पोस्ट में स्पष्ट कहा कि अगर समय रहते फैसला नहीं हुआ तो JDU को अपूरणीय नुकसान हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के कई नेता यह बात कहना चाहते हैं पर हिम्मत नहीं जुटा पाते। कुशवाहा ने यह भी जोड़ा कि पार्टी में ऐसे लोग भी हैं जो चाहकर भी मुख्यमंत्री तक अपनी बात नहीं पहुंचा सकते।

नीतीश कुमार की दोहरी जिम्मेदारी बनी चुनौती

गौरतलब है कि Nitish Kumar मुख्यमंत्री के साथ-साथ JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। लेकिन उनकी सेहत को लेकर हाल के दिनों में उठते सवालों के बीच पार्टी और सरकार दोनों को संभालना उनके लिए आसान नहीं माना जा रहा। ऐसे में कुशवाहा की सलाह ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।

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क्या अब निशांत की सियासी एंट्री होगी?

अब सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार वाकई बेटे Nishant Kumar को सियासत में उतारेंगे? क्या बिहार की राजनीति में एक नई पीढ़ी का चेहरा उभरेगा या फिर यह महज एक राजनीतिक चाल है? अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस चर्चा ने माहौल गर्मा दिया है।

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