अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिका यूक्रेन में सैनिक (US Troops) नहीं भेजेगा। व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लीविट (Karoline Leavitt) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अमेरिका जमीनी जंग से दूर रहेगा, लेकिन अन्य सुरक्षा विकल्प खुले रहेंगे, जिनमें हवाई सहायता (Air Security) भी शामिल है।
“जमीन पर बूट नहीं, लेकिन मदद जरूर”
कैरोलिन लीविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने नेशनल सिक्योरिटी टीम को यूरोपियन सहयोगियों के साथ मिलकर सुरक्षा गारंटी का नया फ्रेमवर्क तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा – “प्रेसिडेंट का मानना है कि स्थायी शांति के लिए सुरक्षा गारंटी बेहद जरूरी हैं।”
टैक्सपेयर्स का बोझ घटाने का वादा
जब पूछा गया कि अमेरिकी टैक्सपेयर्स का पैसा कैसे सुरक्षित रहेगा, तो लीविट ने बताया कि ट्रंप ने प्रस्ताव रखा है कि यूक्रेन को हथियार खरीदने का खर्च NATO वहन करे। ट्रंप का कहना है कि अमेरिकी हथियार दुनिया में सबसे बेहतर हैं और NATO को इन्हें खरीदकर यूक्रेन की सेना की जरूरत पूरी करनी चाहिए।
रूस-यूक्रेन बातचीत का रास्ता खुला
लीविट ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों से रूस और यूक्रेन कई साल बाद सीधे बातचीत के लिए तैयार हुए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने हाल ही में व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से बातचीत की है और दोनों देशों को सीधी डिप्लोमेसी के लिए प्रोत्साहित किया है।
“अमेरिका की इज्जत लौटी” – लीविट
लीविट ने कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका की ताकत को दुनिया फिर से मान्यता दे रही है। उन्होंने यहां तक दावा किया कि ट्रंप की कोशिशों से कई वैश्विक संघर्ष खत्म हुए, गाज़ा से बंधक छुड़ाए गए और यहां तक कि भारत-पाकिस्तान के बीच भी शांति समझौता हुआ।