महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषा को लेकर सियासत और तेज हो गई है। इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का एक उग्र बयान सामने आया है, जिसने विवाद की आग में और घी डालने का काम किया। “पटक पटक के मारेंगे” जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर दुबे ने राज ठाकरे के निर्देशों को ललकारा, तो वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बयान से खुद को अलग करते हुए इसे अनुचित करार दिया है।
“तुमको पटक पटक के मारेंगे” – किसे दी चुनौती?
Nishikant Dubey ने यह विवादास्पद टिप्पणी MNS प्रमुख Raj Thackeray के उस कथन के जवाब में दी, जिसमें ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से गैर-मराठी बोलने वालों को टारगेट करने को कहा था। दुबे ने किसी का नाम लिए बिना चुनौती देते हुए कहा, “तुमको पटक पटक के मारेंगे।”
इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई। उन्होंने तीखे शब्दों में पूछा कि अगर मराठी बोलना इतना अनिवार्य है, तो पहले ये बताओ कि जिनकी रोटियां खा रहे हो, वे कहां के हैं? दुबे ने कहा, “टाटा, बिरला और रिलायंस की जड़ें महाराष्ट्र के बाहर हैं। टाटा की पहली फैक्ट्री तो बिहार में थी। आप हमारे पैसे पर पलते हो और हमें ही भाषाई ज्ञान देते हो?”
Fadnavis ने बयान से बनाई दूरी
मामले के गरमाते ही Devendra Fadnavis सामने आए और उन्होंने साफ कहा कि निशिकांत दुबे की टिप्पणी आम मराठी लोगों को लेकर नहीं थी, बल्कि उन संगठनों को लेकर थी जो विवाद को जानबूझकर भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरे अनुसार यह बयान उचित नहीं है। महाराष्ट्र का योगदान देश के विकास में अहम है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
दुबे ने अन्य भाषाओं पर भी सवाल उठाए
Nishikant Dubey ने सिर्फ हिंदी और मराठी की नहीं, बल्कि उर्दू, तमिल और तेलुगु जैसी भाषाओं को लेकर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “अगर आप हिंदी बोलने वालों पर वार कर रहे हैं, तो अन्य भाषाएं बोलने वालों पर भी कीजिए। आप खुद को बड़ा नेता मानते हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर निकलकर बिहार या यूपी आइए, वहां देखिए क्या होता है। ये अराजकता अब और नहीं चलेगी।”