बिहार के चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पटना पुलिस ने मंगलवार को सनसनीखेज खुलासा करते हुए मुख्य साजिशकर्ता अशोक साह को गिरफ्तार कर लिया है। नालंदा के बिहारशरीफ निवासी अशोक साह ने शूटर उमेश यादव को 4 लाख रुपये की सुपारी देकर खेमका की हत्या करवाई। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि अशोक साह खुद अपनी हर मोबाइल कॉल रिकॉर्ड करता था — और अब वही रिकॉर्डिंग बन गई है उसके खिलाफ सबसे पुख्ता सबूत।
कॉल रिकॉर्डिंग से खुली पूरी साजिश की परत
पुलिस के मुताबिक अशोक साह के मोबाइल फोन में कॉल रिकॉर्डिंग की ऑटोमैटिक सेटिंग ऑन थी, जिससे उसकी सभी बातचीत रिकॉर्ड हो जाती थी। इसी रिकॉर्डिंग में एक ऑडियो सामने आया जिसमें अशोक, जमीन सौदे को लेकर एक व्यक्ति से झगड़ रहा था — और बातचीत में गोपाल खेमका का नाम भी बार-बार आ रहा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने मीडिया को यह ऑडियो क्लिप सुनाई, जिसने केस की दिशा ही बदल दी।
मोबाइल में मिले अहम सुराग, कई नए नाम आ सकते हैं सामने
पुलिस को रेड के दौरान अशोक साह के घर से जमीन सौदे से जुड़े कई दस्तावेज और मोबाइल में अनेक कॉल रिकॉर्डिंग मिली हैं। जांच अधिकारी अब इन रिकॉर्डिंग्स की बारीकी से जांच कर रहे हैं। पुलिस को शक है कि इस पूरे हत्याकांड में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। मोबाइल डेटा से मिलने वाली जानकारी के बाद जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
बेटी की स्कूल फीस के लिए बना किलर, उमेश यादव का अपराध की दुनिया में पहला कदम
आरोपी शूटर उमेश यादव की कहानी भी चौंकाने वाली है। बताया जा रहा है कि उमेश की मुलाकात एक शादी समारोह में अशोक साह से हुई थी। वहीं से दोनों में संपर्क शुरू हुआ। बेटी की स्कूल फीस भरने के लिए उमेश ने सुपारी स्वीकार कर ली। अशोक ने उमेश से बात करने के लिए एक सिमकार्ड भी उसी के नाम पर लिया, ताकि अपनी पहचान छिपा सके। बावजूद इसके, दोनों की बातचीत रिकॉर्ड हो गई और अंत में पुलिस की पकड़ में आ गए।
पुलिस रिमांड पर फिर से पूछताछ होगी
फिलहाल अशोक साह को जेल भेज दिया गया है, लेकिन पुलिस जल्द ही कोर्ट से रिमांड लेकर दोबारा पूछताछ करेगी। अधिकारियों का मानना है कि यह हत्याकांड केवल पैसों की वजह से नहीं, बल्कि संपत्ति और आपसी रंजिश से जुड़ा हो सकता है। कॉल रिकॉर्डिंग्स और दस्तावेजों की मदद से पुलिस अब इस केस के गहरे और राजनीतिक पहलुओं की जांच कर रही है।