पश्चिम चंपारण के बेतिया जिला अंतर्गत लौरिया थाना क्षेत्र में इस साल मुहर्रम का ताजिया जुलूस पूरी तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाला गया। इमाम हुसैन की शहादत की याद में जब Pathan Akhara Makri, Ward 3 से ताजिया जुलूस निकला तो बड़ी संख्या में लोग जुलूस देखने के लिए जमा हुए। पूरा माहौल शांतिपूर्ण था, लेकिन तभी एक हादसा होते-होते बचा।
पेट्रोल मुंह में भर दिखा रहा था आग का करतब, युवक के जल गए पैर
जुलूस में शामिल एक युवक ने पेट्रोल मुंह में भरकर आग का खतरनाक करतब दिखाना शुरू किया। तभी एक चिंगारी ने पास खड़े दूसरे युवक के पैरों को चपेट में ले लिया। आग लगते ही भगदड़ की स्थिति बन गई। स्थानीय लोगों और प्रशासन की तत्परता से आग तुरंत बुझाई गई, और घायल युवक को मौके से हटाया गया।
तलवार, भाला और नेपाली खंजर लेकर पहुंचे युवक, पुलिस ने तुरंत संभाली स्थिति
इसी बीच जुलूस में कुछ युवक Nepali Khukuri, तलवार और भाला जैसे धारदार हथियारों के साथ नजर आए। जब वे आपस में लाठी भांजने लगे तो हालात बिगड़ते दिखे। स्थिति को बिगड़ता देख लौरिया थानाध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा और अंचलाधिकारी नीतेश कुमार सेठ के नेतृत्व में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर सभी युवकों को जुलूस से बाहर कर दिया।
क्यों मनाया जाता है मुहर्रम – जानिए इसका इतिहास और महत्व
मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है और यह पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। करबला की जंग में इमाम हुसैन ने इस्लाम की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार के साथ बलिदान दिया था। मुहर्रम के दसवें दिन को ‘आशूरा’ कहते हैं, जब शिया और सुन्नी समुदाय के लोग ताजिया निकालते हैं और मातम करते हैं।
प्रशासन की सख्ती और शांति से सम्पन्न हुआ जुलूस
इस बार लौरिया नगर परिषद के विभिन्न मोहल्लों से ताजिया जुलूस निकाले गए। प्रखंड प्रमुख शंभू तिवारी और CO नितेश कुमार सेठ खुद मौके पर मौजूद थे। शहर के मुख्य चौक, थाना परिसर और कर्बला तक पुलिस बल की सख्त निगरानी रही। किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार था, जिसकी वजह से कार्यक्रम शांति से संपन्न हुआ।