Pune: महाराष्ट्र के पुणे जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक 22 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल महिला ने कूरियर एजेंट पर रेप का आरोप लगाया था। लेकिन अब इस केस ने चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। पुणे पुलिस कमिश्नर Amitesh Kumar ने खुद सामने आकर यह खुलासा किया कि यह पूरा मामला फर्जी था और महिला ने जानबूझकर झूठी शिकायत दर्ज कराई थी।
“पुणे की छवि खराब करने की साजिश थी” – CP Amitesh Kumar
पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “यह शिकायत पूरी तरह से मनगढंत पाई गई है। इससे न केवल पुलिस की कार्रवाई को गुमराह किया गया, बल्कि पुणे जैसे सुरक्षित शहर की छवि को खराब करने की कोशिश की गई।” उन्होंने यह भी कहा कि यह दिखाने की कोशिश की गई कि Pune महिलाओं के लिए असुरक्षित है, जो कि बिल्कुल गलत धारणा है।
24 घंटे के भीतर खुली सच्चाई
पुलिस ने इस केस को प्राथमिकता देते हुए महज 24 घंटे में ही जांच पूरी कर ली। पुलिस के पास जो तकनीकी और फॉरेंसिक संसाधन थे, उन्हें सक्रिय कर महिला के दावे की पड़ताल की गई। जांच के दौरान पुलिस को महिला के बयानों में बार-बार बदलाव और तकनीकी साक्ष्यों में विसंगति दिखी, जिसके बाद पूछताछ में महिला टूट गई और सच कबूल कर लिया।
फर्जी कहानी का पूरा खेल
महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि एक अनजान कूरियर डिलीवरी एजेंट उसके फ्लैट में जबरन घुसा, उसे बेहोश करने के लिए स्प्रे किया और फिर बलात्कार किया। इतना ही नहीं, उसने दावा किया कि आरोपी ने धमकी देने के लिए उसके साथ सेल्फी भी खींची। लेकिन जांच में सामने आया कि वह कूरियर एजेंट उसका जानकार था और दोनों पहले से एक-दूसरे के संपर्क में थे। पूछताछ के बाद महिला ने माना कि गुस्से और निजी नाराजगी में उसने झूठा केस दर्ज कराया।
Maharashtra | On alleged rape case of a 22-year old data scientist in Pune by an unidentified man posing as a delivery agent, Pune CP Amitesh Kumar says, "It was found that the woman had filed a false complaint. Her complaint misled the Pune Police."
He said, "Just two days ago,… pic.twitter.com/SBSl9kc9IX
— ANI (@ANI) July 6, 2025
असली पीड़ितों को भी होता है नुकसान
कमिश्नर कुमार ने कहा, “इस तरह की फर्जी शिकायतें न केवल कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि असली पीड़ितों को न्याय दिलाने में भी मुश्किल खड़ी करती हैं। हर शिकायत गंभीर होती है, लेकिन झूठ का पर्दाफाश भी जरूरी है।”
यह केस एक गंभीर संदेश देता है – कानून का दुरुपयोग न केवल अपराध है, बल्कि समाज और सिस्टम दोनों के लिए घातक है।