गया: बिहार के गया जिले में इस बार मुहर्रम के अवसर पर कुछ ऐसा देखने को मिला जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। डुमरिया ब्लॉक के बिकुआ कलां गांव में युवाओं ने इस साल जो ताज़िया बनाया, वह एक फाइटर जेट की शक्ल में था। यह ताज़िया सिर्फ एक धार्मिक प्रतीक नहीं बल्कि देशभक्ति और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया है।
इस ताज़िए की खास बात है कि इसमें Wing Commander Sophia Qureshi और Byomika Singh के नाम बड़े सम्मान के साथ लिखे गए हैं, जो Operation Sindoor की पहली कमान संभालने वाली महिला अधिकारी रहीं।
क्या था ऑपरेशन ‘सिंदूर’?
Operation Sindoor भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के पहले दिन की कमान इन दो महिला विंग कमांडरों ने संभाली थी, जो भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
ग्रामीणों ने क्यों चुना फाइटर जेट डिजाइन?
इस विशेष ताज़िया के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले शाहिद हुसैन ने बताया कि इसका उद्देश्य था यह दिखाना कि भारत सिर्फ सैन्य शक्ति में ही नहीं, बल्कि महिलाओं की नेतृत्व क्षमता में भी दुनिया के सामने मिसाल पेश कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम अपने ताज़िए के माध्यम से देश को एक संदेश देना चाहते हैं – भारत मज़बूत है, और इसकी महिलाएं किसी से कम नहीं हैं।”
पिछले साल था चंद्रयान-3 थीम
यह पहला मौका नहीं है जब बिकुआ कलां गांव ने अनोखा ताज़िया बनाया हो। पिछले वर्ष इस गांव ने Chandrayaan-3 थीम पर ताज़िया तैयार किया था, जिसने पूरे जिले में चर्चा बटोरी थी। इस बार का फाइटर जेट ताज़िया भारत की सैन्य शक्ति और महिला सशक्तिकरण की अंतरराष्ट्रीय छवि को दर्शाता है।