तेजस्वी का वार: सिर्फ नक़ल करोगे या कभी अपनी अक्ल भी लगाओगे, सरकार?

बिहार में आशा-ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के फैसले पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को बताया "नकलची और विजनहीन", कहा- हमारी पुरानी योजना को अब अपना बता रहे हैं।

Rohit Mehta Journalist
Bihar Politics Tejashwi Slams Nitish Over Incentive Scheme
Bihar Politics Tejashwi Slams Nitish Over Incentive Scheme (Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्मी आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि दोगुना करने की घोषणा के बाद तेजस्वी यादव ने इसे अपनी पुरानी योजना की नकल करार दिया है।

“17 महीने पहले शुरू की थी प्रक्रिया”

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एआई वीडियो शेयर करते हुए तेजस्वी ने कहा कि जब वह स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने ही आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तब मुख्यमंत्री ने पलटी मार ली और अब वही योजना को अपना बताकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

तेजस्वी ने लिखा,

“ये निकम्मी एनडीए सरकार उस योजना पर दो साल से कुंडली मार कर बैठी थी। अब इन्हें हमारी मांग के सामने झुकना पड़ा।”

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“चालाकी से हमारी योजना का अधूरा क्रियान्वयन”

तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने चालाकी दिखाते हुए पूरी योजना लागू नहीं की। उन्होंने कहा कि आशा और ममता कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि नहीं, बल्कि मानदेय मिलना चाहिए और उनकी सरकार बनने पर वे मानदेय देंगे।

उन्होंने आगाह किया कि अब सरकार को आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका और रसोइयों के लिए भी मानदेय बढ़ाना ही पड़ेगा।

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“सब कुछ तेजस्वी का ही नक़ल करोगे?”

तेजस्वी यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि,

“हमारी घोषणाओं और वादों से घबरा कर यह सरकार अब हर फैसले की नकल कर रही है। ये डर अच्छा है लेकिन 20 साल तक क्या मूँगफली छील रहे थे? सरकार और उनके मंत्री हमारी योजनाओं का मजाक उड़ाते थे, अब सत्ता जाते देख भाग रहे हैं।”

उन्होंने सवाल उठाया —
“सब कुछ तेजस्वी का ही नक़ल करोगे या कभी अपनी भी अक्ल लगाओगे?”

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सरकार और विपक्ष के बीच योजना और वादों की जंग तेज हो गई है। आशा-ममता कार्यकर्ताओं की योजना को लेकर छिड़ी यह सियासी बहस अगले चुनावी नतीजों पर क्या असर डालेगी, ये देखना दिलचस्प होगा।

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