बिहार के शेखपुरा जिले के मुबारकपुर गांव में मंगलवार को अंधविश्वास की सारी हदें पार हो गईं। यहां एक मृत बच्चे को जिंदा करने के लिए न केवल गांव में घुमाया गया, बल्कि उसकी चचेरी दादी को डायन बताकर मंत्रों का जाप और तांत्रिक क्रिया भी की गई। यह सब तब हुआ जब दो साल का मासूम गली में खेलते समय बेहोश होकर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।
डायन बताकर गोद में रखा मृत बच्चा, गांव में शुरू हुआ तमाशा
बच्चे की मां वीणा देवी ने मौत का कारण अपनी चचेरी सास को बताया और उन्हें डायन कहकर पूरे गांव में बदनाम किया। भीड़ जुटते ही महिला की गोद में मृत बालक को रखकर गांव में घुमाया गया। उसे फिर से जीवित करने के लिए ग्रामीणों ने लगभग तीन घंटे तक मंत्रों का जाप किया। लेकिन कोई परिणाम न मिलने पर परिजनों ने उसे गांव के कब्रिस्तान में दफना दिया।
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H2: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो, पुलिस बेखबर
पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्थानीय पुलिस को इस घटना की जानकारी तक नहीं है। मेहुंस थाने के थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि किसी ने अब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
गांववालों के अनुसार घटना से एक दिन पहले मृत बालक की मां और उसकी चचेरी सास के बीच झगड़ा हुआ था। उसी झगड़े के आधार पर महिला को डायन कहकर आरोप मढ़ा गया।
विज्ञान के युग में अब भी अंधविश्वास के शिकार
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि 21वीं सदी में भी गांवों में अंधविश्वास किस कदर फैला हुआ है। मौत के दुख में डूबे परिवार ने अफवाहों, तंत्र-मंत्र और आरोपों का सहारा लेकर अपनी ही रिश्तेदार को प्रताड़ित किया।
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जहां एक ओर देश चांद तक पहुंच रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में आज भी विज्ञान की जगह अंधविश्वास ने लोगों की सोच को जकड़ रखा है। यह मामला न सिर्फ समाज के लिए शर्मनाक है बल्कि पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता को भी उजागर करता है।
नोट: इस तरह की घटनाएं समाज में जागरूकता और शिक्षा की गंभीर आवश्यकता को दर्शाती हैं।