सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पावन त्योहार 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते को मनाने के लिए पूरे देश में खास तैयारियां की जाती हैं।
दाहिने हाथ में राखी बांधने की परंपरा क्यों?
आपने हमेशा देखा होगा कि बहनें अपने भाई की दाहिनी कलाई पर ही राखी बांधती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि बायां नहीं, दाहिना ही क्यों?
शास्त्रीय कारण:
- दाहिना हाथ शुभ माना गया है – हिंदू धर्म में पूजा, दान और मंत्रोच्चारण जैसे शुभ कार्य दाहिने हाथ से किए जाते हैं।
- कर्म का प्रतीक – यह हाथ कर्म, कार्य और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार – मान्यता है कि दाहिने हाथ में राखी बांधने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
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तीन गांठ क्यों लगाई जाती है राखी में?
राखी बांधते समय तीन गांठ लगाने की परंपरा भी बहुत पुरानी है।
- पहली गांठ – रक्षा का संकल्प
- दूसरी गांठ – प्रेम और विश्वास
- तीसरी गांठ – सुख-समृद्धि की कामना
ये तीन गांठें न केवल रक्षासूत्र को मज़बूती देती हैं, बल्कि रिश्ते को भी अटूट बनाती हैं।
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कब उतारनी चाहिए राखी? जानिए ज्योतिषीय मान्यता
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि राखी कितने दिन तक पहनना उचित होता है।
- कुछ परंपराओं के अनुसार त्योहार के 24 घंटे बाद राखी उतार सकते हैं।
- कई ज्योतिष मानते हैं कि कम से कम जन्माष्टमी तक राखी पहननी चाहिए।
- साल भर राखी बांधे रखना शुभ नहीं माना जाता।
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निष्कर्ष: परंपरा में छुपा है सुरक्षा और आस्था का संदेश
रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक संकल्प है – रक्षा का, प्रेम का, और विश्वास का। दाहिने हाथ में राखी बांधना सिर्फ परंपरा नहीं, एक आध्यात्मिक विज्ञान भी है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां शास्त्रों और ज्योतिष पर आधारित हैं। इनकी सत्यता की पुष्टि के लिए संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।