Rath Yatra 2025: हर साल ओडिशा के पुरी में निकलने वाली भगवान Jagannath की Rath Yatra देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है। लेकिन आस्था और भक्ति के इस महासंगम में एक अनोखी परंपरा भी निभाई जाती है – जब देवी Lakshmi स्वयं भगवान जगन्नाथ के रथ का पहिया तोड़ देती हैं।
इस बार यह रस्म 30 जून 2025, सोमवार को निभाई जा रही है। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ जब अपने भाई Balabhadra और बहन Subhadra के साथ यात्रा पर निकलते हैं, तो वे माता लक्ष्मी को साथ नहीं ले जाते। इससे नाराज होकर देवी लक्ष्मी मौसीबाड़ी पहुंचती हैं और भगवान के रथ को खंडित कर लौट जाती हैं।
देवी लक्ष्मी का गुस्सा और रथ तोड़ने की रस्म
रथ यात्रा की पंचमी तिथि को Shree Mandir के पुजारी माता लक्ष्मी की प्रतिमा को रथ तक लेकर जाते हैं। वहां देवी लक्ष्मी भगवान के रथ का एक पहिया प्रतीकात्मक रूप से तोड़ती हैं। इसे ‘Rath Bhanga’ की रस्म कहा जाता है। इसके बाद देवी क्रोध में मंदिर लौट जाती हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार यह रस्म दांपत्य जीवन की लीलाओं और स्त्री-पुरुष के बीच के भावनात्मक संबंध को दर्शाती है। रथ के टूटने के बाद उसकी मरम्मत कराई जाती है और फिर भगवान जगन्नाथ Gundicha Mandir से वापस यात्रा करते हैं।
जब भगवान को नहीं मिलता मंदिर में प्रवेश
Shree Mandir लौटने के बाद भगवान जगन्नाथ को मंदिर के द्वार पर देवी लक्ष्मी की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। वह पहले दरवाजा नहीं खोलतीं। इस दौरान pujaris द्वारा मान-मनौव्वल किया जाता है, स्तुति और गीत गाए जाते हैं।
बहुत प्रयासों के बाद माता लक्ष्मी दरवाजा खोलती हैं और भगवान को वापस मंदिर में प्रवेश करने देती हैं। यह परंपरा दर्शाती है कि प्रेम और रिश्तों में मनमुटाव के बावजूद एक-दूसरे के प्रति सम्मान और अपनापन बना रहता है।
इस पूरी परंपरा के दौरान भी मंदिर में Radha-Krishna और अन्य देवी-देवताओं की पूजा होती रहती है।