Panna (Emerald) रत्न को Budh (Mercury) ग्रह से जोड़ा गया है, जो ज्योतिष में बुद्धि, वाणी, संवाद कला और व्यापार का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में बुध कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को करियर और कम्युनिकेशन में बाधा महसूस हो सकती है। ऐसी स्थिति में रत्न विद्या (Gemology) के अनुसार पन्ना रत्न धारण करना बेहद फायदेमंद माना जाता है।
पन्ना, एक हरे रंग का बेशकीमती रत्न है, जिसे सही विधि से धारण करने पर बुध ग्रह की नकारात्मकता को दूर किया जा सकता है। यह व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाता है, मानसिक शांति देता है और बिजनेस में तरक्की लाता है।
पन्ना पहनने का शुभ दिन और विधि
बुधवार के दिन को पन्ना धारण करने के लिए सबसे शुभ माना गया है। रत्न धारण करने से पहले उसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करना चाहिए। शुद्ध करने के बाद इसे सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर, सबसे छोटी उंगली में धारण करें।
पन्ना धारण करने के लिए परेवती, आश्लेषा या ज्येष्ठा नक्षत्र भी विशेष शुभ माने जाते हैं।
पन्ना पहनते समय बरतें ये सावधानियां
रत्न विद्या के अनुसार, पुखराज और पन्ना एक साथ नहीं पहनना चाहिए क्योंकि दोनों ग्रहों की ऊर्जा में टकराव हो सकता है। इसलिए पन्ना धारण करने से पहले कुंडली की जांच और अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह लेना अनिवार्य है।
पन्ना धारण करने से एकाग्रता में वृद्धि, निर्णय लेने की क्षमता में सुधार, और कारोबार में वृद्धि होती है। साथ ही यह विद्यार्थी और व्यापारी वर्ग के लिए बेहद शुभ रत्न माना जाता है।
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य?
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि पन्ना धारण करने से Budh Grah की स्थिति मजबूत होती है, जिससे व्यक्ति के सोचने, समझने और संवाद करने की शक्ति में सुधार आता है।
निष्कर्ष
अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ या कमजोर है, तो पन्ना रत्न आपकी मदद कर सकता है। लेकिन बिना सलाह के रत्न धारण करना उल्टा भी असर डाल सकता है, इसलिए अनुभवी एस्ट्रोलॉजर से सलाह जरूर लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख आम जानकारी पर आधारित है। रत्न धारण करने से पहले किसी प्रमाणिक और अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।